Wednesday, 30 June 2021

फेयरवेल poem

आप चले जाओगे,
        पर यादों में रह जाओगे।
        जैसे रह जाती हैं,
        बारिश के बाद, मिट्टी की सौंधी गंध
        भोर के उजास में, थोड़ा सा चंद्रमा।
आप चले जाओगे,
        पर रह जाएगी आपकी हंसी,
        आंखों की चमक,
        हर विषय पर आपकी पकड़,
        और कभी कभी का वो अफसरी दुलार।
आप चले जाओगे,
        पर थोड़ा यहां रह जाओगे,
        फाईलो की खाकों में,
        प्लांट की अनगिनत बातों में,
        मीटिंगों की यादों में,
        चंद हंसी ठठाकों में।
आप चले जाओगे,
       पर हमको भी न भूला पाओगे,
       हमारा स्नेह, आदर संग ले जाओगे,
       हमारी शुभकामनायों का गुच्छ ले जाओगे,
       स्वास्थ्य एवं सम्पूर्णता का जीवन सदा               बिताओगे।
आप चले जाओगे,
        पर यादों में रह जाओगे।

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