रिश्ते जन्मों के होते है, उम्रों के नहीं,
आप हो रिश्तों का आईना, (रिश्ता),
दुआ हैं ताजन्म, आप मिले और हम भी मिले यूहीं।
संतुलन व्यवस्था का दूसरा नाम हैं। संतुलन तराजू के दोनों सिरों के एक तल पर होने का भाव हैं। जीवन में भी संतुलन का महत्व हम सभी महसूस करते हैं...